Friday, September 2, 2011

A Trip to Amarkantak

माह अगस्त 2011 में दो दिन के लिए अमरकंटक घूमने जाने का मौका मिल गया. बहुत दिन से सोच रहे थे कि परिवार के साथ कहीं घूमने जाया जाये और इस मौसम में अमरकंटक से बेहतर जगह कोई नहीं लगी जहाँ २ दिन में घूम कर आ सकें. 

राखी के दिन हम 15 लोग जिसमे 5 बच्चे, 5 सीनियर सिटिजन व 5 वयस्क थे नर्मदा एक्सप्रेस से उज्जैन व भोपाल से जबलपुर के लिए निकले. अगले दिन सुबह जबलपुर पहुँच गए. गाड़ी पहले से बुक कर दी थी इसलिए दो गाड़िया (टवेरा) जबलपुर स्टेशन के बाहर खड़ी थी. बस उन में सवार होकर रास्ते में चाय और समोसे खाते जबलपुर से डिण्डोरी होते हुए दोपहर 1 बजे अमरकंटक पहुँच गए. 

रास्ते में सुंदर द्रश्यावली और रिमझिम फुहारों ने सफ़र का आनंद और बढ़ा दिया. 3 दिन की छुट्टी होने से और सुहावने मौसम के कारण अमरकंटक में बहुत भीड़ थी. कोई भी होटल या धर्मशाला या आश्रम में जगह ही नहीं थी. ये तो अच्छा था कि हमने पहले से ही जैन धर्मशाला में 5 कमरे बुक कर दिए थे तो सर छुपाने को जगह मिल गयी. वैसे भी उस दिन बारिश का आलम यह था की जैसे पूरे मानसून की कसर एक ही दिन में पूरी हो जाएगी. 

धर्मशाला में सामान रख कर हम लोग बरसते पानी में ही घूमने निकल पड़े. सबसे पहले त्रिमुखी मंदिर पहुंचे पर मंदिर बंद मिला व बंद होने का कारण भी कहीं नहीं लिखा था. वहां से हम लोग सोनमुढ़ा पहुंचे. इस स्थान से सोन नदी निकलती है. यह एक बहुत सुन्दर जगह है. यहाँ सोन नदी एक कुण्ड से निकली है. यहीं पर हनुमान जी का भी मंदिर है. यहाँ नदी लगभग आधा किलोमीटर  आगे बढ़कर सुन्दर झरने के रूप में काफी नीचे गिरती है. नीचे कि घाटी बहुत बड़ी है परन्तु हमारी किस्मत से मौसम के कारण हम इस स्थान को देख ही नहीं पाए. पूरी घाटी में बादलों ने डेरा जमा रखा था.
 
 
कुछ देर यहाँ कि सुन्दरता को निहारने के बाद हमारा काफिला आगे माई कि बगिया को चला यह रास्ता भी बहुत सुन्दर है और पूरे रास्ते बादल और बारिश ने काफी मजा दिया. 
माई कि बगिया पहुँचते ही बारिश और तेज हो गयी फिर भी बालिका नर्मदा व उनकी सखी गुलबकावली को देखा. गुलबकावली एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियां सीधे शाखा से निकलती है पत्तियों की अलग से कोई डंडी नहीं होती है. यहाँ बालिका नर्मदा अपनी माता पार्वती के साथ विराजित है. 

इसके पश्चात् हम लोग नर्मदा उद्गम मंदिर के दर्शन के लिए गए. इस समय भी काफी तेज बारिश हो रही थी. यहाँ पर एक कुण्ड से नर्मदा नदी का उद्गम होता है जो कि आगे चल कर मध्य प्रदेश व गुजरात से होती हुई खम्भात कि खाड़ी में अरब सागर में गिरती है. यह नदी भारत के उत्तरी हिस्से को दक्षिण से अलग करने कि विभाजन रेखा है. इसका स्थान भारत की मुख्य नदियों में पांचवे नंबर पर आता है. इसी नदी में कई बड़े बड़े जल प्रपात है जैसे भेड़ाघाट के पास धुआंधार. इस नदी पर कई बांध भी बन चुके है सबसे पहला बांध जबलपुर जिले में बरगी में बना उसके बाद तो कई बांध इसपर बन चुके है और अभी वर्तमान में सरदार सरोवर बांध का काम तो चल ही रहा है. जिससे मध्यप्रदेश व गुजरात दोनों ही राज्य प्रभावित होंगे. 

इस मंदिर में एक पत्थर का हाथी बना है कहा जाता है कि उसके नीचे से निकलना बहुत शुभ होता है और कैसा भी मोटे से मोटा व्यक्ति भी इसके नीचे से निकल जाता है. जब इस हाथी के नीचे से निकलते है तो नर्मदा को साष्टांग दंडवत प्रणाम अपने आप हो जाता है. 

 पहले दिन के अंत में ज्वालेश्वर महादेव के दर्शन करने गए यहाँ पर शिवजी का प्राचीन मंदिर है. 

अगले दिन सुबह ही हम लोग धर्मशाला छोड़ कर सबसे पहले चाय पीकर एक बार पुनः नर्मदा मंदिर के दर्शन करने गए. कल की अपेक्षा आज मौसम बहुत सुहावना था और बारिश भी बंद हो गयी थी. यहाँ बादल इतने ज्यादा हो रहे थे कि लगभग 200 मीटर दूर का भी पूरा साफ़ नज़र नहीं आ रहा था. 
 
 
 
उसके बाद कपिल धारा गए. यहाँ लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना होता है. यहाँ नर्मदा कि चौड़ाई बहुत ज्यादा नहीं है पर काफी ऊंचाई से नदी का प्रपात बनता है. कई लोग नदी पर बने छोटे से पुल को पर करके दूसरी तरफ से नीचे तक उतर गए थे परन्तु हमने कोई रिस्क नहीं लिया. इससे आगे ही दुधधारा भी है जिसके लिए करीब दो ढाई किलोमीटर पैदल चलना होता है. हमें सब लोगों ने बताया था कि इस समय रास्ते में बहुत फिसलन होगी और हमारे साथ पांच बुज़ुर्ग भी थे. अतः सबने फैसला किया कि दुधधारा अगली बार जब आयेंगे तब देखेंगें.  



कपिलधारा के पास ही एक खुला रेस्टोरेंट था वहां पर सबने प्रकृति का आनंद लेते हुए आलू के परांठे व बच्चों ने मेगी का नाश्ता किया और पुनः डिण्डोरी होते हुए जबलपुर लौट कर बरगी डेम देखने निकल गए. जबलपुर से अमरकंटक तक पूरी सड़क वेसे तो दो लेन है परन्तु रोड बहुत अच्छी होने से लगभग 240 किलोमीटर का रास्ता साढ़े चार पाँच घंटे में पूरा कर लिया गया. बरगी डेम के उस दिन इक्कीस में से उन्नीस गेट खुले हुए थे व विशाल लहराता हुआ पानी देखकर सब को बहुत अच्छा लगा सभी बच्चों ने पहली बार कोई बांध के खुले गेट देखे थे.

इसके पश्चात हम लोग वापस जबलपुर आकर भेड़ाघाट देखने गए परन्तु बहुत अधिक बारिश होने से नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ था इसलिए भेड़ाघाट की सुन्दरता नहीं देख पाए 
 
स्टेशन आ कर ट्रेन का आधे घंटे इंतजार कर ट्रेन में सवार हो वापस अपने घर लौट आये. साथ ही सब यही सोचते हुए आये की एक बार पुनः अमरकंटक की यात्रा करेंगे.  

Thursday, September 1, 2011

Democracy and Monarchy


orZeku yksdra= ,oa izkphu jktra= esa varj&

dza-
orZeku yksdra=
izkphu jktra=
1. 
,d ckj pquus ds ckn turk usrkvksa dks gVk ugha ldrh gS
jktk ds dq’kklh] Hkz"V gksus ij turk gVk ldrh Fkh
2. 
turk dh vkokt dks nck fn;k tkrk gS
turk dh vkokt o le; le; ij jktk Lo;a gh os"k cnydj lPpkbZ tkuus ds ckn lgh fu.kZ; ysrk Fkk
3. 
'kkld vius vkidks fof’k"V ekurs gSa vkSj pkjksa vksj QSyh Hkq[kejh ds ckotwn vius ,’kks vkjke ij vR;f/kd [kpZ djrs gS
,slh fLFkfr esa jktk dk 'kklu vf/kd le; ugha jgrk Fkk mls vinLFk dj fn;k tkrk Fkk ;k jktk Lo;a vius [ktkus dk eq¡g vke turk fd fy;s [kksy nsrk Fkk
4. 
usrk vius vidks ohvkbZih le>rs gSa vkSj >wBs Mj ls Lo;a dh j{kk ij djksM+ksa :i;s [kpZ dj nsrs gSa tcfd muds thus ejus ls bl ns’k o bldh turk dks dksbZ QdZ ugha iM+rk gS
jktk Lo;a viuh j{kk djus esa l{ke gksrk FkkA
5. 
vke turk vklkuh ls 'kkldksa ls ugha fey ldrh gS ugha viuh ijs’kkuh ;k f’kdk;r ntZ djok ikrh gS
jkt ra= esa ,slk ugha Fkk jktk ls dHkh Hkh feyk tk ldrk Fkk o turk dh f’kdk;r o ijs’kkuh ij lgh fu.kZ; fy;k tkrk Fkk pkgs vijk/kh jkt ifjokj ls gh D;ksa uk gks
6. 
'kkld laLFkkvksa o vU; QthZ vkadM+ksa ij fuHkZj jgrs gSa
'kkld Lo;a vius 'kklu dh O;oLFkkvksaa dks os"k cnydj ns[krs Fks o ;kstukvksa o fLFkfr;ksa dk ewY;kadu dj dfe;ksa esa lq/kkj djrs Fks
7. 
;ksX;rk o bekunkjh dk dksbZ egRo gh ugha gS
O;fDr dh in ds vuq:i ;ksX;rk] {kerk ds vk/kkj ij pquk tkrk Fkk
8
vKkuh o v{ke usrkvksa }kjk vO;ogkfjd ,oa Lo;a dks ykHk igq¡pkus okyh ;kstuk,a cukbZ tkrh gS
l{ke o ;ksX; O;fDr;ksa }kjk O;ogkfjd o okLro esa turk dh HkykbZ ds fy;s ;kstuk,a cukbZ tkrh Fkha
9
'kkld ges’kk pkVqdkjksa ls f?kjs jgs gSa o mudh lykg ij xyr dk;Z djrs jgrs gSa
jktk ds vklikl Hkh pkVqdkj gksrs Fks fdUrq os dsoy euksjatu dk dk;Z djrs Fks jktk mudh lykg ugha ysrs Fks
10
vkt vijk/kh 'kkld ds :i esa pqus tkus ds fy;s pquko esa [kM+s gksrs gSa o QthZ oksfVax ls thrdj 'kkld cu tkrs gSa
jktk ;fn vijkf/kd dk;Z djus yxrs Fks rks mUgsa jkT; ds izcq)x.k vinLFk dj ;ksX; O;fDr dks jkt 'kklu lkSairs Fks
11
'kkld dh ;ksX;rk dk dksbZ ekin.M ugha gS vf/kdka’k usrk vui<+ ;k de iM+s fy[ks gSa jktdk;Z dk Kku rks fcYdqy ux.; gksrk gS
jktk cuus ds igys lHkh izdkj dh f’k{kk nh tkrh Fkh o jktdk;Z lEgkyus ds iwoZ lHkh izdkj ls ;ksX;rk ij[kus ds ckn gh jktxn~nh lkSaih tkrh Fkh

Wednesday, August 24, 2011

Malnutrition in MP an analysis of MPR of ICDS


ekg tqykbZ 2011 dh ekfld izxfr izfrosnu ds vuqlkj izns’k esa dqiks"k.k dh fLFkfr

                                                                           MkW- vijk fot;oxhZ;

vkaxuokM+h dsUnzksa ds ek/;e ls 0 ls 5 o"kZ rd ds cPpksa dk izfrekg otu fy;k tkrk gS vkSj muds otu dh fLFkfr ns[kdj dqiks"k.k dk Lrj Kkr fd;k tkrk gSA ,u,Q,p,l 3 ds vuqlkj e/;izns’k esa 60 izfr’kr cPps ¼3 o"kZ ls NksVs½ dqiksf"kr gSaA gky gh esa e/;izns’k ds efgyk ,oa cky fodkl foHkkx us vkaxuokfM+;ksa dk ekfld izxfr izfrosnu vkWuykbu Hkjokuk 'kq: dj fn;k gSA blls blesa xyr vkadM+ksa ;k c<+k p<++kdj vkadM+s izLrqr djuk dkQh gn rd de gks x;k gSA

ekg tqykbZ 2011 dh 78822 vkaxuokM+h dsUnzksa dh vkWuykbZu izfo"V dh xbZ ,eihvkj ds dqiks"k.k ls lacaf/kr tkudkfj;ksa dk laHkkxokj fo’ys"k.k djus ij fuEufyf[kr ifj.kke izkIr gq;s gSaA

rkfydk% e/;izns’k esa cPpksa dk otu ysus o dqiks"k.k dh fLFkfr
laHkkx dk uke 

cPps 

dqy fjiksfVZax vkaxuokM+h dsUnzã 
losZ vuqlkj {ks= esa cPps
वजन लिये गये बच्चs
सामान्य
कम वजन के
अति कम वजन के
dqy dqiksf"kr cPps
MUAC के अनुसार लाल रंग वाले बच्चों की

संख्या
izfr'kr
संख्या
izfr'kr
संख्या
संख्या
संख्या
izfr'kr
संख्या
izfr'kr
gks’kaxkckn
बालक
4182
159992
147066
91.92
117724
80.05
27492
1850
29342
19.95
155
8.38
बालिका
152845
142267
93.08
109408
76.90
29555
3307
32862
23.10
204
6.17
Hkksiky
बालक
7880
327261
269761
82.43
215724
79.97
52028
2010
54038
20.03
191
9.50
बालिका
308572
258685
83.83
202242
78.18
52773
3670
56443
21.82
256
6.98
jhok
बालक
8475
386278
323921
83.86
246612
76.13
73161
4171
77332
23.87
996
23.88
बालिका
353321
301505
85.33
225036
74.64
70424
6069
76493
25.37
1211
19.95
'kgMksy
बालक
4652
162996
150286
92.20
118281
78.70
30531
1474
32005
21.30
887
60.18
बालिका
158193
147056
92.96
112875
76.76
31932
2249
34181
23.24
1103
49.04
lkxj
बालक
7820
430139
346601
80.58
261668
75.50
79774
5159
84933
24.50
2601
50.42
बालिका
401257
329404
82.09
243633
73.96
78051
7721
85772
26.04
2467
31.95
mTtSu
बालक
8683
458667
419950
91.56
333533
79.42
80048
6377
86425
20.58
3074
48.20
बालिका
432081
401759
92.98
310868
77.38
80575
10317
90892
22.62
3169
30.72
pacy
बालक
4973
262634
213970
81.47
174400
81.51
37708
1862
39570
18.49
582
31.26
बालिका
234631
192316
81.97
154117
80.14
35102
3097
38199
19.86
601
19.41
tcyiqj
बालक
13188
471827
434797
92.15
342378
78.74
87734
4701
92435
21.26
2049
43.59
बालिका
458792
426939
93.06
321905
75.40
96744
8324
105068
24.61
2282
27.41
Xokfy;j
बालक
5849
308064
266028
86.35
202084
75.96
59983
3962
63945
24.04
1001
25.27
बालिका
286249
249673
87.22
186069
74.53
58164
5448
63612
25.48
1050
19.27
bUnkSjãã
बालक
13120
692215
624231
90.18
446419
71.52
161363
16492
177855
28.49
3757
22.78
बालिका
662929
607170
91.59
420347
69.23
163546
23307
186853
30.77
4121
17.68
dqy
बालक
78822
3660073
3196611
87.34
2458823
76.92
689822
48058
737880
23.08
15293
31.82
बालिका
3448870
3056774
88.63
2286500
74.80
696866
73509
770375
25.20
16464
22.40


ã    lHkh vkadM+s efgyk ,oa cky fodkl dh vkWuykbZu ,eihvkj ls 10 vxLr dh fLFkfr esa ntZ tkudkjh vuqlkj
ãã dsoy bUnkSj laHkkx ds vkadM+s 16 vxLr rd izfo"V tkudkjh vuqlkj gSaA

mijksDr rkfydk ls Kkr gksrk gS fd
R         lHkh laHkkxksa esa losZ esa ckfydkvksa dh la[;k ckydksa ls de gS ftldh iqf"V o"kZ 2011 dh tux.kuk ds vkadM+s Hkh djrs gSA
R         lHkh laHkkxksa esa ckydksa dh rqyuk esa vf/kd ckfydkvksa dk otu fy;k x;k gS tks fd ckfydkvksa ij vf/kd /;ku fn;s tkus dk ,d vPNk lwpd gSA ijUrq blds foijhr lHkh laHkkxksa lkekU; otu es ckydksa dk izfr’kr ckfydkvksa dh rqyuk esa vf/kd gS ftl vksj xaHkhjrk ls fopkj fd;k tkuk gh dkQh ugh gksxk cfYd ckfydkvksa dks lkekU; fLFkfr esa ykus ds fy;s lkFkZd iz;kl Hkh fd;s tkus gksaxsaA
R         fdlh laHkkx esa 'krizfr’kr cPpksa dk otu ugha fy;k x;k gSA otu ysus dk izfr’kr lokZf/kd 93-08 izfr’kr gks’kaxkckn laaHkkx esa o lkxj lHkkx esa 93-06 izfr’kr ckfydkvksa dk o U;wure 80-58 izfr’kr lkxj laHkkx esa ckydksa dk ns[kk x;kA
R         o`f) pkVZ ds vuqlkj lkekU; Js.kh esa lokZf/kd 81-51 izfr’kr ckyd o 80-14 izfr’kr ckfydk;sa pacy laHkkx esa o U;wure 71-52 izfr’kr ckyd o 69-23 izfr’kr ckfydk;sa bUnkSj laHkkx esa gSA
R         lHkh laHkkxksa dh fLFkfr ns[kus ij Kkr gksrk gS fd fdlh Hkh laHkkx esa 31 izfr’kr ls vf/kd dqiks"k.k ugha gSA
R         ftu cPpksa dk otu vfrde gSa mudk vuqikr MUAC Qhrs esa yky jax esa vkus okys cPpksa ls ns[kus ij Kkr gksrk gS fd gks’kaxkckn o Hkksiky laHkkx esa 10 izfr’kr ls Hkh de vfrde otu okys cPps MUAC Qhrs esa yky jax esa vk;s gSaA tcfd iks"k.k iquokZl dsUnz esa HkrhZ djus dk ;g ,d vfuok;Z lk/ku gSA
R         0 ls 3 o"kZ ds cPpksa dh fLFkfr dk fo’ys"k.k djus ij ik;k fd muesa ls 25-58 izfr’kr cPps dqiksf"kr gS tcfd ,u,Q,p,l 3 ds vuqlkj e/;izns’k esa 3 o"kZ ls NksVs 60 izfr’kr cPps dqiksf"kr gSa ftls jkT; 'kklu us o"kZ 2010 esa Lohdkj Hkh fd;k gSA blls lkQ tkfgj gksrk gS fd ;k rks otu ysus ls tks cPps NwV x;s gSa ;k laHko gS tkucw>dj NksM+s x;s gSa os lHkh dqiksf"kr gSaA
R         gky gh esa ¼23 vxLr 2011½ jk"Vªh; iks"k.k laLFkku gSnjkckn }kjk e/;izns’k esa cPpksa esa dqiks"k.k dh fLFkfr tkuus gsrq djok;s ,d v/;;u ds vkadM+s tkjh fd;s x;s gSa bu vkadM+ksa ds vuqlkj izns’k esa 5 o"kZ ls NksVs 51-9 izfr’kr cPpksa dk otu lkekU; ls de gSA ;g v/;;u 19756 ifjokjksa esa fd;k x;k Fkk tcfd ,u,Q,p,l 3 v/;;u esa izns’k ds dqy 2709 ifjokjksa dks lfEefyr fd;k x;k gSA
R         orZeku esa 0 ls 3 o"kZ ds 95-65 izfr’kr ckyd o 95-73 izfr’kr ckfydkvksa dks dsUnzksas esa ntZ fd;k x;k gS o otu ysus dk izfr’kr Hkh ckydksa dk 90-08 izfr’kr o ckfydkvksa dk 91-58 izfr’kr gh gSA ;fn ;gh ckr la{;k esa ns[ksa rks 0 ls 3 o"kZ ds 43]55]752 cPpksa esa ls 39]55]308 cPpksa dk gh otu fy;k x;k vFkkZr~ 4]00]444 cPpksa dh fuxjkuh bl egRoiw.kZ o`f) dky esa ugha gks ikbZ tks fd ,d fpUrk dk iz’u gSA

mijksDr rF;ksa dks ns[krs gq;s vko’;d gS fd

j         izns’k ds lHkh cPpksa ds fy;s ,d jkT;O;kih tux.kuk ds le:i vfHk;ku pykdj u dsoy vkaxuokM+h cfYd lHkh 0 ls 5 o"kZ ds cPpksa dk otu ysdj izns’k es dqiks"k.k dh okLrfod fLFkfr Kkr dh tkuh pkfg;sA
k       vkaxuokM+h dsUnz esa ntZ lHkh cPpksa dk ¼de ls de 0 ls 3 o"kZ ds lHkh cPpksa dk½ izfrekg otu ysuk lqfuf’pr fd;k tkuk pkfg;sA
l  iks"k.k iquokZl dsUnz esa HkrhZ djus ds fy;s MUAC Qhrs dh vfuok;Zrk ds fy;s xgu v/;;u fd;k tkuk gksxkA